6. डॉ. लता अग्रवाल की कविताएँ

लौट आओ पापा

जानती हूँ

वक्त की फितरत नहीं

लौटना

न ही गया वक्त कभी

लौटकर आता है

दोबारा ।

न लौटकर आया है कभी

संसार से जाने वाला 

फिर भी गुजारिश है

एक बार

बस एक बार

लौट आओ पापा

मेरी खातिर ।

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