चौकीदार के दरवाजे पर थपथपाते ही प्रिया की तो मानो जान निकल गयी। सुबह-सुबह चौकीदार का आना किसी आफत के दस्तक से कम नहीं होता। वार्डेन लड़कियों को अक्सर शाम को ही बुलाती हैं। कोई बहुत जरूरी काम हो, तभी वे सुबह चौकीदार भेजती हैं। हॉस्टल के एक-एक कमरे में दो-दो लड़कियाँ रहती हैं। दरवाजे पर थपथप की आवाज से आशा और प्रिया के दिल दहलने लगे। कड़े अनुशासन के कारण लड़कियाँ वार्डेन से बहुत डरती थीं और वे पीठ पीछे उन्हें बाघिन कहकर पुकारती थीं। चौकीदार ने बाहर से ही कह दिया- ‘मेम ने तुम दोनों को बुलाया है।’
Dr. Rita Moni Baishya




