असम विभिन्न जनगोष्ठियों का निवास स्थल है। असम कई प्रकार की स्थानीय जनजातियों जैसे बड़ो, मिचिङ, तिवा आदि से भरपूर एक सुन्दर राज्य है और इन्हीं में से कार्बि जनजाति भी असम की प्रसिद्ध जनजातियों में से एक है। असम के कार्बि आङलङ जिले के नामकरण भी इसी जनजाति के नाम के आधार पर किया गया है, कार्बि आङलङ असम की पूरब दिशा में स्थित एक पहाड़ी इलाका है। असमीया साहित्य के प्रमुख कवि कलागुरु विष्णुप्रसाद राभा ने कार्बि जनजाति के लोगों को ‘असम का कलम्बास’ आख्या दी थी।