एक गाँव में एक बुजुर्ग पति-पत्नी रहा करते थे । उनकी कोई संतान नहीं थी और न ही कोई संपत्ति । वह बूढ़ा घर के बाँस से सामान बनाकर बेचता था और उससे मिलने वाले पैसों से उनकी गुज़र-बसर होती थी । एक दिन बूढ़ा बांस से कोई सामान बना रहा था लेकिन उससे शिकार करने वाला फन्दा बन गया। जब फन्दा बन गया तो वह अपनी पत्नी से बोला कि वह बाहर जंगल में जा रहा है, वहीं शिकार के लिये फन्दा बिछायेगा और उसमें जो भी जानवर फँसेगा वही कल सुबह का भोजन होगा ।