अंधविश्वास और कु-संस्कार के खिलाफ साहसिकता के साथ लड़ने के लिए सन 2005 ई. में शांति के नोबेल पुरस्कार से मनोनीत की गई पहली असमीया महिला हैं बीरुबाला राभा । उनके कर्मों के लिए सन 2015 ई. में गौहाटी विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की थी । बीरुबाला राभा केवल असम तथा भारत की ही नहीं पूरे विश्व का एक परिचित नाम हैं ।