यह सर्वविदित है कि अपने अतीत की सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ वर्तमान चलता है और भविष्य का निर्माण करता है । असम उत्तर पूर्वांचल का ऐसा राज्य है, जो उत्तर-पूर्व भारत के अन्य राज्यों से घिरा हुआ है । सिर्फ असम ही नहीं, उत्तर पूर्वांचल के अन्य राज्यों में भी प्राचीन काल से मातृभाषा के बाद अंग्रेजी भाषा का व्यवहार होता आया था । फिर भी प्राचीनतम असमीया साहित्य पर नज़र डालने पर देखा जाता है कि महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव, माधवदेव आदि ने हिंदी के साथ अपना संबंध जोड़े रखा था ।