9. भारत (कविता) *डी.आर.समर्पिता

भारत हमारी मातृभूमि 

है न इसमें कोई कमी

किनती सुंदर यहाँ की प्रकृति

और जनसंख्या घनी घनी ।

भारत की हो जय

इसके गानों में  है लय

ज्ञानी और महापुरुषों का जन्म  यहाँ

देखोगे सुंदरता तुम जाओ जहाँ।

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