11. मिचिङ समाज का परम्परागत बिहु उत्सव(अनूदित आलेख) ✍अनुवादक : संजीव मंडल

मूल (असमीया) : पल्लवी आरंधरा


असम विभिन्न जातियों-जनजातियों की मिलनभूमि है। विभिन्न जाति-जनजातियों की बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत से भरपूर असम के जनमानस के लिए बिहु उत्सव हृदयस्पंदन की तरह है। कृषिजीवी समाज के लिए बिहु, विशेषत: बहाग बिहु नूतन कर्मोद्यम और जीवन-प्रेरणा-प्राप्ति का साधन है। जातीय-जीवन के परिचय के मुखर दर्पण-स्वरूप बहाग बिहु के आकर्षणीय और उल्लेखनीय वैशिष्ट्य हैं- ईश्वर-सेवा, गौ-सेवा, अतिथि-सेवा, पारस्परिक स्नेह-बंधन, दैनंदिन जीवन का स्वप्न-भरा कर्मचित्र, युवक-युवतियों की प्रणय-भावना आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *