9. आओ पानी बचाओ(कविता) ✍ डी॰ आर॰ समर्पिता, डी॰ आर॰ समादृता

तुम्हारे बिन पानी

याद आती है नानी

सूख जाएगा जगत सारा

अगर छोड़ दिया तुमने साथ हमारा।  

पानी तुम हमारी माता  हो  

सारे जहान में काम आते हो

पानी पीना, कपड़े धोना

तुम्हारे बिन आता है रोना

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