5. ‘जोनाक रातिर आरति’ के कवि(आलेख) ✍ डॉ॰ मालविका शर्मा

अध्यापक सुशील शर्मा रामधेनु-युग के विशिष्ट कवि हैं । असमीया साहित्य के इतिहास में रामधेनु-युग का विशिष्ट स्थान है । छात्रावस्था से ही आपकी सृजनशीलता दिखायी देने लगी और ‘रामधेनु’ जैसी स्तरीय साहित्यिक पत्रिका में आप उभरते कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुए । कवि सुशील शर्मा का जन्म ब्रह्मपुत्र के उत्तरी किनारे पर स्थित शुवालकुची के बामुनपारा गाँव में सन् 1935 में  हुआ । इनके पिता का नाम पंडित गोपाल शास्त्री और माता का नाम नारायणी  देवी था । आपने सन् 1960 में गौहाटी विश्वविद्यालय से असमीया विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और सन् 1961 से गुवाहाटी के प्रागज्योतिष महाविद्यालय में अध्यापन का कार्य शुरू किया ।

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