4. मिचिङ लोकगीत : एक झलक(आलेख) ✍ चेनिमाइ पोलेङ

मिचिङ जनजाति असम की एक ऐसी जनजाति है जिसका समाज-जीवन अत्यंत सुंदर है । यह जनजाति अपने सुंदर गीत तथा सुंदर पोशाक से समृद्ध है । मिचिङ लोगों के अपने विभिन्न प्रकार के लोकगीत हैं । मिचिङ  लोकगीतों में मिचिङ जनजीवन के अनेक चित्र देखने को मिलते हैं । प्रेम-विरह आदि से संयुक्त इन लोकगीतों में मिचिङ लोगों के संस्कृति प्रेमी-मन का भी परिचय मिलता है। इन गीतों में अइ-नि: तम (प्रेम-गीत) सबसे ज्यादा गाये जाते हैं, जो हर उम्र के लोगों में लोकप्रिय हैं। अइ–नि: तम  के अलावा अन्य कई प्रकार के लोकगीत भी मिचिङ समाज में प्रचलित हैं, जैसे – लत्ताच: माननि: तम (आंगन में खेलते समय गाए जाने वाला गीत), ममाननि: तम (हंसी-मजाक वाले गीत), बृरदुगनि: तम (उत्सव के गीत), मिदांङनि: तम (विवाह के गीत), जीयारनि: तम (योजना के गीत), चल्लायागीत (प्रणयमूलक गीत), आ: बाङ (श्लोक), काबान (विनयगीत), द:हिङनि: तम (कहानी-गीत), क: नि: नाम  या बृ: नीनि: तम (लोरी) और आनुनि: तम  (आधुनिक गीत) आदि । नीचे कुछेक प्रमुख गीतों पर आलोकपात किया जा रहा है ।

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