5. दामो बूढ़ी (कहानी) *संजीव मण्डल

मैं स्कूल जा रही हूँ । घर से स्कूल की दूरी अधिक नहीं है तो कम भी नहीं है । मैं साइकिल पर स्कूल जाती हूँ । आज माँ से थोड़ी किचकिच हो गई है, मन उदास है । गर्मी बहुत है, धूप तेज है । साइकिल पर हूँ । ठंडी हवा का झोंका आया तो मानो नयी जान आ गई ।

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