पार्किंग स्टैंड पर स्कूटर को पार्क कर मैं ऑफिस में दाखिल हुआ । बेग तथा हैल्मेट को ड्रायर में रख हाथ-मुंह धोने बैसिन के पास गया । उसके बाद अपनी कुर्सी पर बैठ अमृत को आवाज दी-
-‘अरे अमृत, चाय पिलाओ ।’
-‘जी बड़ा बाबू, अभी लाता हूँ ।’
दो मिनिट के अंदर अमृत चाय विस्किट लेकर आया । अपने सहकर्मी अलंकार पाठक तथा निशा भट्टाचार्य से पूछा,
-‘आप लोगों ने चाय पी?’
-‘हाँ जी, हम दोनों ने पी ली हैं । आप पीजिए ।’ – मिसेस भट्टाचार्य ने कहा ।