Author: neglimpseweb20
5. दामो बूढ़ी (कहानी) *संजीव मण्डल
मैं स्कूल जा रही हूँ । घर से स्कूल की दूरी अधिक नहीं है तो कम भी नहीं है । मैं साइकिल पर स्कूल जाती…
6. जब वह भूली गयी थी… (कहानी) *डी.आर.समादृता
हमारे घर में एक बिल्ली थी । उसका नाम था बिऊटी । हम उसके साथ रोज़ खेलती थीं और हम उससे बहुत प्यार करती थीं…
7. कुमार अनुपम की कविताएँ (कविता)
महानगर में बुद्ध अधरात कोई पीट रहा है अपने कमरे का द्वार एक कठोर जिद में उसकी बेचैनी गुस्सा और खीझ दस्तक में बदल कर…
8. उत्पल डेका की कविताएँ (कविता)
सर्जिकल स्ट्राइक सरहदें नहीं थीं जैसी अब हैं नदी रही थी उसकी सीमा-परिसीमा । सरहद के उस पार लंबे इंतज़ार में बैठा फ्लामिंगो इधर शपथ…
9. भारत (कविता) *डी.आर.समर्पिता
भारत हमारी मातृभूमि है न इसमें कोई कमी किनती सुंदर यहाँ की प्रकृति और जनसंख्या घनी घनी । भारत की हो जय इसके गानों में …
10. अजाब (अनुदित कहानी) *मूल- सुल्तान जमील नसीम (पाकिस्तान) * अनुवाद- आशा प्रभात
इलाके पर कब्जा करने के बाद चूहों ने पहला काम यह किया कि चुन-चुन कर सक्रिय लोगों के कान कुतर लिए और उन कान कटे…
11. इग्लू (अनुदित कहानी) *मूल (असमीया) : श्रीमती मणिका देवी *अनुवाद: पूजा शर्मा
माँ, तू चल बसी क्या ? अभी भी कुछ बाकी है क्या बिटिया, हड्डियाँ तो कब की गल गयीं । क्या कहती हो…
12. अर्जुन कुमार जुरो की कविताएँ (अनुदित कविता) *मूल: राभा *अनुवाद : जयश्री काकति
आङि छोना हासङ् आङि हासङि चिका झरा चिथोकाय पान बॉ आङ् नारङ् पाकेन तङा नामा नाङि-आङि कामि-हाबा तङ्चाकाय जोवाय आङ् नारङ् पाकेन खेरे मुनि खुछि…
13. समीर ताँती की कविताएँ (अनुदित कविता) मूल: असमीया *अनुवाद: रूबी मणि दास
कोनेओ बिश्वास नकरे ये कोनेओ बिश्वास नकरे ये माटित एटा विश्वास आछे । खेतियकर आशा आछे धुमुहाइ गार चोला उरुवाइ निलेओ कलिजा आछे शब्दर भितरत…
14. बूढ़ा और तेंदुवा (लोकसाहित्य) *संग्रह: सुकुमार बसुमतारी *अनुवाद: प्रलय कुमार बड़ो
एक गाँव में एक बुजुर्ग पति-पत्नी रहा करते थे । उनकी कोई संतान नहीं थी और न ही कोई संपत्ति । वह बूढ़ा घर के…